जामुड़िया और दुर्गापुर में फैक्ट्री मालिकों पर वादाखिलाफी का आरोप, हंगामा
जामुड़िया/दुर्गापुर : जामुड़िया के इकड़ा स्थित श्याम सेल मेटालिक फैक्ट्री और दुर्गापुर के 29 नंबर वार्ड के सागरभांगा कॉलोनी स्थित निजी फैक्ट्री के खिलाफ स्थानीय लोगों में भारी रोष व्याप्त है। इसका मुख्य कारण दोनों ही फैक्ट्री मालिकों पर वादा नहीं निभाने यानी खिलाफी का आरोप है। स्थानीय लोगों को कार्य नहीं देकर बाहरी लोगों से फैक्ट्री में कार्य कराये जाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को दोनों फैक्ट्री के सामने स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। जामुड़िया के इकड़ा में श्याम सेल मेटालिक फैक्ट्री पर गांव के श्मशान घाट पर कब्जा करने और स्थानीय युवाओं को कार्य पर नहीं रखने जाने का आरोप स्थानीय ग्रामीणों ने लगाया। विरोध में सार्थकपुर गांव के लोगों ने फैक्ट्री का ट्रांसपोर्ट रोक दिया और प्रदर्शन किया। जहां ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों ने श्याम सेल फैक्ट्री निर्माण के समय अपनी जमीन दी है, जिसके बदले में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को काम देने की बात थी, लेकिन स्थानीय युवाओं को काम नहीं देकर बाहरी युवाओं को काम पर रखा जा रहा है। गांव के श्मशान घाट पर भी फैक्ट्री द्वारा कब्जा किया जा रहा है। श्मशान घाट के पास पानी और गैस की पाइप लाइन का कब्जा हो गया है। फैक्ट्री की ओर से श्मशान तक जाने वाले रास्ते को काटा जा रहा है। फैक्ट्री प्रबंधन सिर्फ आश्वासन देती है, लेकिन कुछ होता नहीं, इसलिए इसबार आर-पार की बात होगी।
वहीं दूसरी तरफ दुर्गापुर के 29 नंबर वार्ड के सागरभांगा कॉलोनी स्थित निजी फैक्ट्री के गेट समक्ष तृणमूल कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं देकर बाहरी लोगों को काम पर रखा जा रहा है। जहां प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर मांगों को नहीं माना गया तो आगामी दिनों में सभी लोग अपने परिवार को लेक आयेंगें और फैक्ट्री गेट के सामने धरने पर बैठ जायेंगे। स्थानीय बेरोजगारों ने शिकायत की कि चुनाव के समय पार्टी के लिए हम कार्य करते है और काम देने की बात आती है तो बाहरी लोगों को काम मिल जाता है। सागरभांगा शिल्पातालुक में फैक्ट्री पर विरोध प्रदर्शन के कारण फैक्ट्री के अंदर कर्मचारी काफी देर तक फंसे रहे। जहां पुलिस पहुंची, लेकिन आंदोलन कर रहे तृणमूल कार्यकर्ता अड़े रहे। आंदोलनकारियों ने साफ कहा कि हमने कई बार फैक्ट्री अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन हमें कोई काम नहीं मिला। अब हम गुहार नहीं लगायेंगे, फिलहाल हम आंदोलन रोक रहे है, लेकिन आगामी दिनों में आंदोलन को बड़ा रूप दियेगा जायेगा।