सतीश के कोयला डिपो में सीआईएसएफ की छापामारी के बाद फिर शुरू हो गया अवैध कोयले का कारोबार

रानीगंज : आरोप लगा था कि सीआईएसएफ जवान व अधिकारियों कि मिलिभगत के कारण बाँसरा में सतीश यादव और मकसूद की निगरानी में धड़ल्ले से कोयला तस्करी चल रही है। रात के अंधेरे में वाहनों में कोयला लोड होता है और फिर यही से रात में तस्करी हो जाता है। इसी तरह के की अवैध कोयले की खबरों को प्रकाशित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आवाज़ प्राइम पोर्टल ने ख़बरों से ऐसा हड़कम्प मचा दिया कि आखिरकार कार्रवाई होनी ही थी। जहां गुरुवार की सुबह सीआईएसएफ की टीम ने बाँसरा में छापेमारी की। लेकिन कार्रवाई को मात्र दो दिन ही बीते थे कि शुक्रवार से फिर एक बार सतीश यादव के डिपो से अवैध कोयले का काला खेल फिर शुरू हो गया। अब इसे क्या समझा जाये, सीआईएसएफ से सेटिंग हो गयी या फिर सतीश को किसी का डर नहीं है। या फिर सतीश की पहुंच इतनी बड़ी है कि सीआईएसएफ कार्रवाई के बाद भी उसका कला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। मालूम हो कि कोयले का खेल रोजाना होता है। सूत्रों की माने तो रानीगांज निवासी सतीश यादव बीते कई दिनों से बांसरा में बुलर होटल के पीछे डिपो बनाकर रोजाना लाखों रुपये का अवैध कोयला खरीद कर जमा कर रहा है और फिर बाहर भेजा जा रहा है। बताया जाता है कि ईसीएल के सोनपुर, कुनुस्टोरिया एरीया अधीन एरीया इलाके की ओसीपी एवं कोलीयरी के डीओ के साथ ईसीएल के वैध कोयला को कटाई कर यह अवैध काला कारोबार में उपयोग कर रहे है। कुनुस्टोरिया एरीया की सीआईएसएफ टीम की भूमिका भी इन अवैध काले कारोबार को लेकर सवालों के घेरे में थी, लेकिन मंगलवार को हुई छापेमारी के बाद इसमें संशय कुछ हद तक साफ हुआ, लेकिन फिर एक बार सतीश का काम शुरू हो गया, इससे कहीं न कहीं सीआईएसएफ की भुमिका पर सवाल उठ रहे ही। बताया जाता है कि बांसरा में डिपो बनाकर अवैध कोयला का कारोबार कर कुछ सेटिंग के माध्यम से सतीश ने शुरू किया और इस अवैध कोयला कारोबारियों की रात में सिर्फ चांदी नहीं, बल्कि सोना-चांदी हो रही है। इस पूरे धंधे में सीआईएसएफ की गुरुवार को हुई कार्रवाई के बाद फिर धंधा शुरू होने के पीछे क्या कारण है, यह सवाल उठता है। कहीं सीआईएसएफ के साथ सेटिंग हो गयी, या फिर सतीश ने छापेमारी करने वालों के सामने हजारों रुपये रख दिये, यह सतीश बता सकता है या फिर सीआईएसएफ?