गोष्टो के काले कारोबार पर कोई आंच नहीं, सीआईएसएफ-ईसीएल अधिकारी मौन

गोष्टो के काले कारोबार पर कोई आंच नहीं, सीआईएसएफ-ईसीएल अधिकारी मौन

जामुड़िया : अवैध कोयले के खेल विख्यात नाम बनता गोष्टो, अपनी ऊंची पकड़ और सेटिंग के माध्यम से अपना काला धंधा जोरों पर चलाने में मशगुल है, क्योंकि उसके कारोबार पर कोई आंच नहीं है अब। इसका मुख्य कारण यह है कि सीआईएसएफ-ईसीएल अधिकारी मौन है। जबकि विभिन्न स्तर पर जानकारी होने के बावजूद गोष्टो के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई हो रही है और न हीं गोष्टो अपने धंधे पर काई असर पडा है। रोजाना ईसीएल को लाखों रुपये का चूना लगा रहा है। एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष दानिश अजीज ने इसे लेकर विभिन्न स्तर पर सोशल मीडिया पर तेग करते हुए कार्रवाई की मांग की है। लेकिन गोष्टो के अवैध व काले कोयले के कारोबार पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा। जामुड़िया का गोष्टो, ईसीएल के कोयले को अपने डीपो में जमा कराता है और फिर उसे ही अवैध रूप से बेच देता है। बताया जाता है कि उसे कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। जामुड़िया थाना अंतर्गत बीजपुर के कांटागोरिया इलाके में डीओ स्टॉक पॉइंट के नाम पर गोष्टो अवैध कोयला डिपो का संचालन कर रहा है। जहां उसका पार्टनर सह सांकतोड़िया निवासी सौरव उर्फ गोलू इस धंधे में उसकी भरपूर मदद करता है। जहां ईसीएल का वैध कोयला इनके स्टॉक पॉइंट यानी डीपो में पहुंचता है और वहां से यह अवैध रूप से विभिन्न जगहों पर कहें या अंचल की विभिन्न फैंक्ट्री में खपाया जा रहा है। डीओ स्टॉक पॉइंट के नाम पर गोष्टो ने हजारों टन कोयला स्टॉक कर रखा है। सीआईएसएफ किसी भी समय छापा मारे तो उक्त जमा कोयले से संबंधित कागजात भी गोष्टो दिखा न सके। सतग्राम एरिया के कालीदासपुर, तिराट आदि इलाके से निकलने वाला ईसीएल का वैध कोयला निमचा सेंट्रल डिपो में नहीं पहुंचता है, वो कोयला रास्ते में ही बदल दिया जा रहा है और असल कोयला गोष्टो के डिपो में पहुंच रहा है। जबकि उसकी जगह पर नकल कहे या पत्थरयुक्त कोयला  निमचा सेंट्रल डिपो में पहुंचता है। तिरात में चल रहे हाइवेल प्रोजेक्ट यानी ओसीपी का कोयला निकलता तो सही रूप से है, लेकिन रास्ते मे बदल दिया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिरकार इतने बड़े पैमाना में चल रहा अवेध कोयले का खेल कैसे किसी की नजर से बच सकता है। लेकिन सूत्र बताते है कि इसकी जानकारी सभी को है, लेकिन मोटी कमिशन की लालच में कोई मुंह नहीं खोलता।