वर्चस्व की लड़ाई के बीच डंके की चोट पर अवैध कोयला कारोबार धड़ल्ले से

वर्चस्व की लड़ाई के बीच डंके की चोट पर अवैध कोयला कारोबार धड़ल्ले से

आसनसोल : बीते कुछ वर्ष पूर्व लाला की बादशाहत को ईडी और सीबीआई ने बंद किया, जिसके बाद कुछ समय तो अवैध कोयले के कारोबार पर अंकुश लगा। लेकिन धीरे-धीरे छोटे पैमाने पर यह जगह जगह शुरू हुआ।  वहीं अब लोकसभा चुनाव के कुछेक महीने पहले से शिल्पांचल में फिर से अवैध कोयला कारोबार के बड़े स्तर पर शुरू होने की चर्चा है। सूत्रों की माने तो विभिन्न थाना स्तर पर सिंडिकेट सक्रिय हो चुका है। बताया जा रहा है कि जगह जगह लिफाफे भी पहुंचा दिए गए है। इन दिनों जामुड़िया हो या रानीगंज, सालानपुर हो या फिर कुल्टी, बाराबनी। हर क्षेत्र  से कोयला चोरी डंके की चोट पर हो रहा है। वहीं पुराने माफियाओं को हटाकर नये लोगों को दायित्व मिलने से कुछ लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है। जामुड़िया में कोयला के काले धंधे में वर्चस्व के लिए दो गुट आमने-सामने आ गये है। 

जामुड़िया में सोदु गुट को अवैध कोयला कारोबार का जिम्मा मिलने से पुराने दबंग इससे खासे नाराज है। पुराने दबंग को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है। अब दिल और प्रेम की यारी भारी पड़ती है या सोदू का ही दबदबा अथवा बादशहत बनी रहेगी, यह तो आनेवाले समय ही बतायेगा।फिलहाल एक बार फिर से कोयला तस्करी धड़ल्ले से शुरू हो चुकी है। बताया जाता है कि दोनों गुटों को आपस में मामला सुलझाने के लिए आलाकमान की ओर से दबाव बनाते हुए कहा गया है। ताकि अपनी लड़ाई में तस्करी का धंधा मंदा न पड़ जाये। क्योंकि विवाद के कारण जहां हर दिन 50 ट्रक अवैध कोयला  कालाबाजार में भेजा जाता था, वह घट कर 20 से 30 ट्रक हो गया है।
हालांकि इस वर्चस्व की लड़ाई के बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं। जबकि दोनों गुटों को एक साथ बैठाकर समझौता करने को कहा गया है। सालानपुर के अवैध कोयला खदानों से कोयला निकालने की जिम्मेदारी सिंडिकेट ने एक नामी तस्कर को दी है। यह तस्कर अब भी सीबीआइ कोर्ट में हाजिरी लगाने जाता है। बताया जाता है कि इस तस्कर ने एक समय कोयला की काली कमाई से अरबों रुपये की संपत्ति बना ली थी। आसनसोल शहर में बड़े बड़े होटल व रेस्तरां भी खोले। यह भी बताया जा रहा है कि हाल में गोलीबारी की घटना भी वर्चस्व की लड़ाई के कारण ही हुई है। लेकिन न तो पुलिस और न ही कोई और इस मामले में कुछ बोलने को तैयार है।