लोकसभा चुनाव सामने, कोयले का अवैध कारोबार कब?

आसनसोल : छिटपुट तरीके की बात करें तो पता चलेगा कि कभी भी अवैध कोयले का काला कारोबार बंद ही नही हुआ था। चाहे वो रानीगंज हो या जामुड़िया, कुल्टी हो या फिर नितुरिया, बाराबनी हो या फिर सालानपुर। इन स्थानों समेत कई ऐसे स्थान है, जहां शायद ही कभी छोटे पैमाने पर अवैध कोयला कारोबार बंद हुआ हो। लेकिन इन्हीं क्षेत्रों से कुछ वर्ष पहले व्यापक पैमाने पर अवैध कोयले का कारोबार चलता था। हर एक इलाके में अलग-अलग दबंग की चलती थी। लेकिन एक समय ऐसा भी आया, जब पूरा शिल्पांचल एक व्यक्ति के नीचे काम करने लगा। पहले जयदेव, फिर राजू और फिर लाला। लेकिन अभी फिलहाल पूरा कारोबार ठंडे बस्ते में ही। छोटे रूप में कई जगह, लेकिन बड़े पैमाने पर अवैध कोयला तस्करी अभी शुरू नही हुई है। लेकिन आगामी कुछेक महीनों में लोकसभा चुनाव बंगाल में होने है। जिसके लिए प्रायः सभी पार्टियों को बड़े पैमाने पर रुपये की जरूरत होगी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछेक दिन में अवैध कोयले का कारोबार भी व्यापक पैमाने पर शुरू होगा। हालांकि यह किस-किस राजनीतिक दल के सहयोग से चलेगा, यह कहना मुश्किल है। लेकिन इतना सच है कि काला कारोबार फिर से शिल्पांचल-कोयलांचल में दस्तक देने को तैयार है। पुराने लोग कहते थे कि शेर के मुंह मे अगर खून लग जाये तो वो हर कीमत पर शिकार करता है। उसी तरह काले हीरे की कमाई भले ही अवैध ही क्यों न हो, जिसने भी इसका स्वाद चख लिया, वो कभी न कभी यह काला कारोबार शुरू जरूर करेगा। जानकर बताते है कि बीते कुछ समय से कोलये के अवैध कारोबार को संचालित करने लिए सिंडिकेट तैयार किया जा रहा था। जो फिलहाल तैयार हो गया है। अब बस हरि झंडी का इंतजार है, जब इस अवैध कारोबार को रफ्तार मिलेगी। इतना तक कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस दिशा में उचित पहल होगी।