क्या शिल्पांचल बन गया है कोयला, बालू और जमीन माफियाओं का सेफ ज़ोन

क्या शिल्पांचल बन गया है कोयला, बालू और जमीन माफियाओं का सेफ ज़ोन

आसनसोल : आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल की बात करे तो यहां आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट अंतर्गत विभिन्न थाने है। कमिश्नरेट अंतर्गत तीन जोन है, जिसमे ईस्ट, वेस्ट और सेंट्रल जोन में विभिन्न थानों के दर्जनों पुलिस अधिकारी है। इसके अलावा इन तीनों जोन के साथ ट्रैफिक विभाग के भी कई जोन है, जहां आईपीएस स्तर के भी कई अधिकारी नियुक्त है। बावजूद इसके अगर यह कहा जाए कि शिल्पांचल कोयला, बालू और जमीन माफियाओं के लिए सेफ ज़ोन बन गया है तो यह गलत नहीं होगा। क्योंकि कोयला, बालू और जमीन का कारोबार कमिश्नरेट क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा है। दामोदर और अजय नदी की बात करे तो इन नदियों के विभिन्न घाट विभिन्न क्षेत्र में है, जहां से धड़ल्ले से बालू उठाव जारी है। चाहे वो रानीगंज हो या जामुड़िया, दुर्गापुर हो या डीसरगढ़। हर जगह बालू को उठाव नदी में मशीन लगा कर हो रहा है और इससे सरकारी गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान तो हो ही रह है, साथ नदियों का आस्तित्व भी खतरे में पड़ रहा है। नदियों के घाट खतरनाक हो जा रहे है। इसी तरह जमीन माफियाओं के धंधा इन दिनों शिल्पांचल में कुछ इस कदर पैर पसार चुका है कि हर 100 में 2 आदमी पैसे के बल पर इस धंधे में घुस जा रहा है। हालांकि अधिकांश पैसे के साथ बलप्रयोग करके कई लोगों से जबरन जमीन ले रहे है तो कई को काफी कम कीमत देकर जमीन अपने नाम करवा रहे है। इतना ही नहीं, शिल्पांचल के कई तालाब भी इन जमीन माफियाओं ने भरकर बेच दिए है। जिनपर अब लोग घर बनाकर रहने भी लगे है। मजे की बात यह है कि इन जमीन माफियाओं ने सरकारी जमीन भी नहीं छोड़ी। अब बात करते है काले हीरे की, यह अवैध धंधा भले ही पहले की तरह न चल रहा हो, लेकिन उससे कम भी नहीं चल रहा है। आसनसोल, कुल्टी, रानीगंज, जामुड़िया में यह धंधा अब खदान खोदकर काफी कम मात्रा में हो रहा है, लेकिन ईसीएल का कोयला ही यह कोयला तस्कर बेच दी रहे है। अब्यह कैसे संभव है, यह तो जानकार ही बता सकते है। लेकिन हां यह सच है कि बीते दिनों सतग्राम सेंट्रल डिपो से चोरी का कोयला लड़ा एक ट्रक पुलिस ने जब्त किया। जिसके बाद तृणमूल पंचायत सदस्य कालीचरण का नाम सामने आया। हालांकि वो अभी फरार बताया जा रहा है। अब देखना है कि क्या आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल इन अवैध गतिविधियों के लिए युहीं शुमार रहेगा या फिर यह अवैध धंधे कभी बन भी होंगे?