नदी की सफाई के नाम पर धड़ल्ले से हो रही बालू चोरी, ब्रिज होता जा रहा जर्जर

नदी की सफाई के नाम पर धड़ल्ले से हो रही बालू चोरी, ब्रिज होता जा रहा जर्जर

आसनसोल : रानीगंज के तिराट इलाके के दामोदर नदी घाट से नदी की सफाई के नाम पर सैकड़ों टन बालू रोजाना ट्रको पर ओवरलोड तरीके से लादकर तस्करी किया जा रहा है। वहीं इस वजह से तिराट इलाके का ग्रामीण सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। जिस सड़क की क्षमता 10 टन की है, वहां से प्रतिदिन 50 से 60 टन बालू लोड कर ट्रक गुजर रहे हैं। इसके अलावे यह ट्रक नोनिया नदी पर बने हाड़ाभांगा ब्रिज से होकर गुजरते हैं, जिससे ब्रिज की अवस्था अत्यंत ही खराब हो चुकी है। वह ब्रिज कभी भी टूट सकता है। ब्रिज की जर्जर अवस्था की वजह से कभी भी यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ब्रिज की अवस्था को लेकर इलाकावासी भारी दहशत में है और ग्रामीणों में भय व्याप्त है। ब्रिज से गुजरते वक्त ग्रामीण बहुत ही सावधानी से गुजरते हैं, क्योंकि वहां पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। 

इस विषय पर स्थानीय निवासी कहते है कि ब्रिज का अवस्था कई दिनों से जर्जर है। बरसात में काफी खराब हो जाता है। हड़ाभांगा, तिराट सहित आसपास के  गांव के लोगों को इस रास्ते से आने जाने में काफी दिक्कत होती है। स्कूल के बच्चे बहुत सावधानी से ब्रिज पार करते हैं। कभी भी दुर्घटना होने की आशंका रहती है।  ब्रिज की अवस्था खराब होने के पीछे अवैध बालू के ट्रक जो कि दामोदर नदी से निकल रहे हैं, वही जिम्मेदार है। यहां नदी की सफाई के नाम पर बालू खनन का खेल हो रहा है। यहां से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक बालू लोड कर कोलकाता सहित बांग्लादेश तक भेजा जा रहा है। इसी ब्रिज से होकर यह ट्रक गुजरते हैं। यहां का प्रशासन सिंडिकेट से पैसा वसूली कर रहा है। गांव के कुछ लोगों को पैसे दे कर मुंह बंद कर कर रखा गया है। कोलकाता की कंपनी यहां दामोदर नदी के तिराट  घाट से नदी की सफाई के नाम पर बालू निकाल रही है। नदी में ब्रिज के पास कचरे का अंबार लगा हुआ है। इसकी सफाई नहीं होती है, लेकिन बालू साफ हो जा रहा है। 
मालूम हो कि इस विषय पर भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने बीते दिनों कहा था कि अवैध बालू एवं कोयला चलता है, वहां से लाखों लाख रुपए की वसूली होती है। इसलिए वहां पर गैर कानूनी काम चलता है। ब्रिज टूटे तो टूटे, उनलोगों को पैसा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि वहां नदी की सफाई नहीं हो रही है, पश्चिम बंगाल सरकार का जो राजस्व है, उसकी सफाई हो रही है। नदी सफाई ( ड्रेजिंग) के नाम पर वहां बालू की चोरी हो रही है एवं जिस ढंग से वहां ड्रेजिंग हो रही है, अगर वह बंद नहीं हुआ तो 2024 के अप्रैल तक पूरे आसनसोल में पानी का संकट होगा।