कोयला तस्करी मामले में नहीं हो सका आरोप तय, अब 10 दिसंबर पर नजरें

कोयला तस्करी मामले में नहीं हो सका आरोप तय, अब 10 दिसंबर पर नजरें

आसनसोल : जैसा कि पहले अंदेशा जताया जा रहा था कि विकास मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कोयला तस्करी मामले में आरोप तय टल सकता है, ठीक वैसा ही हुआ। सोमवार को आसनसोल की सीबीआई कोर्ट में फिर एक बार नई तारीख दे दी गयी है। विकास मिश्रा को कोलकाता में पॉक्सो एक्ट के एक मामले में पुलिस रिमांड में भेजा गया है। इसी कारण आसनसोल सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विकास मिश्रा की पेशी नहीं हो सकी| जबकि इस मामले के अन्य आरोपी कोर्ट में सोमवार को मौजूद रहे। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए सुनवाई के लिए 10 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। जज राजेश चक्रवर्ती ने 10 दिसंबर को सभी आरोपितों को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। बीते दिनों सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ तीन भागों में कई धाराओं में आरोप तय करने का प्रस्ताव दिया था। इस हाई-प्रोफाइल मामले में कुल 50 आरोपी हैं, जिनमें से एक विदेश भाग चुका है और एक की मृत्यु हो चुकी है। आज की सुनवाई में 47 आरोपी कोर्ट में हाजिर हुए, लेकिन विकाश मिश्रा की अनुपस्थिति के चलते 25 नवंबर (सोमवार) को भी आरोप तय नहीं हो पाया। अब आरोप तय करने की प्रक्रिया को 10 दिसंबर तक टाल दिया गया। मालूम हो कि विकाश मिश्रा को पॉक्सो एक्ट के तहत कालीघाट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अदालत ने पहले प्रेसिडेंसी जेल को निर्देश दिया था कि विकाश को वर्चुअल माध्यम से पेश किया जाए, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के कारण यह संभव नहीं हो पाया। यह मामला पश्‍चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर कोयला चोरी और संगठित अपराध से जुड़ा है। चार साल पहले सीबीआई ने यह मामला दर्ज किया था। आरोपियों में राजनेता, व्यापारियों और सरकारी अधिकारियों समेत इसमें 50 व्यक्तियों पर संगठित अपराध में शामिल होने के आरोप हैं। विकाश मिश्रा की नियमित अनुपस्थिति मामले की सुनवाई में बड़ी बाधा बन रही है। विकास मिश्रा की वर्चुअल पेशी के बाद अदालत का अगला कदम इस हाई-प्रोफाइल मामले में बेहद महत्वपूर्ण होगा। राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से संवेदनशील मामले में सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं।