रानीगंज और जामुड़िया में डंके की चोट पर चल रहा काला कारोबार

रानीगंज और जामुड़िया में डंके की चोट पर चल रहा काला कारोबार

आसनसोल : ईसीएल की वैध खदानों से निकलने वाले कोयला में पथर माटी की मिलावट कर जमकर कोयले की चोरी में तस्कर लगे हुए हैं। आसनसोल शिल्पांचल के जामुड़िया, कुल्टी, सालानपुर के अलावे रानीगंज के कई जगहों पर यह काला खेल चल रहा है और कोयला तस्कर डंके की चोट पर यह खेल लगातार करते हुए असल कोयला बदलकर नकली कोयला मिलावट कर रहे है। खदानों से निकलने वाले असली कोयले को डीपो में जमा जरूर किया जा रहा है, लेकिन डीपो से ट्रकों व डंपरों में बैंड पथर भेजा जा रहा। असल कोयला को अन्य ट्रकों में लाद कर दुर्गापुर के रास्ते डॉनकुनी व पांडवेश्वर के रास्ते बीरभूम भेजा जा रहा। असल की जगह नकल कोयला डालने के काम में कोयला तस्करों का बड़ा गिरोह काम कर रहा है। रानीगंज के 'नारायणकुड़ी, नार्थ सियारसोल ओसीपी से निकलने वाले कोयले की चोरी कर कालाबाजार में बेचने का काम भी कोई और नहीं, बल्कि सीबीआईं का आरोपित कर रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि चोरी का यह कोयला विभिन्न थानों के रास्तों से गुजर रहा है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही? सूत्रों की मानें तो सबसे अधिक कोयला बदलने का काम कुल्टी व रानीगंज में हो रहा है। सूत्रों की माने तो हर दिन रानीगंज से कम से कम 30 से 40 ट्रक कोयला बदल दिया जा रहा है। 

सूत्रों की माने तो कम से कम एक डीपो रोज खोलने का काम किया जा रहा है। कुल्टी, जामुड़िया, रानीगंज व सालानपुर में डीपो में कोयला बदलने की जिम्मेदारी अलग-अलग लोगों को दे दी गई है। जामुड़िया, रानीगंज इलाके में कोयला तस्करों का मैनेज सिस्टम भी मजबूत होता है। यहां के उन बंद खदानों को साफ कर दिया गया है, जहां से निकट भविष्य में कोयला खुदाई का काम अवैध रूप से किया जाएगा। ये सभी ईसीएल के बंद खदान हैं। इन खदानों में ईसीएल की तरफ से कोई सुरक्षा नहीं रहती। सुरक्षा का तिकड़म सिर्फ उन्हीं खदानों में चलाया जाता है, जहां से कोयला निकाला जाता है। इसी का फायदा उठाने वाले हैं कोयला तस्कर इन सभी बंद खदानों से कोयला निकालने की तैयारी में है। ईसीएल के सुरक्षा महाप्रबंधक शैलेंद्र सिंह ने कहा कि खदानों से कोयला चोरी किसी भी हाल में करने नहीं दिया जाएगा। यह पूरी तरह बंद भी है। जहां तक डीपो की बात है, यहां से ऐसी शिकायत नहीं मिली है। अगर ऐसा हो रहा है तो निश्चित रूप से ईसीएल की ओर से कार्रवाई की जाएगी। ईसीएल का कोयला किसी भी हाल में चोरी नहीं होने दिया जाएगा। इसमें जो भी संलिप्त होंगे, उसपर सीधे तौर पर कार्रवाई होगी।